प्यार के खत
प्यार के खत
चिट्ठियों की भी अपनी अजब प्रेम कहानी थी
कागज पे महबूब के महकते ख्याल लिखना
फिर डूबो के इत्र में फाहे छोड़ देना
बीच में गुलाब की चंद पंखुड़ियां बिखेर देना।
फिर शुरू होती थी खत को पहुंचाने की कवायद
कैसे देंगे बीच बाजार, कोई सहेली या फिर कासिद यार
या फिर कापियों किताबों की करके अदला बदली
रहता अंदेशा, देखेगी या अलमारी में रख देगी पगली।
कहीं ऐसा तो नहीं बेख्याली में निकल जाएगा
छुपाया जो दुनिया से वो सबके सामने खुल जायेगा
और ये इंतजार की कब उसका जवाब आएगा
मुस्कुराएगी या फिर मुहाफिज कोई लड़ने आ जायेगा।
रहा जो सबकुछ ठीक, तो जल्द एक रुक्का उधर से आएगा
पैगाम ए मोहब्बत कुबूल फरमाया जाएगा
उसकी सहेली के हाथों या फिर गली में जाते जाते
एक मुड़ा तुड़ा सा कागज़ इस ओर उछाला जायेगा।
फिर एक सिलसिला चलेगा खतों का
यादों, वादों और इरादों का लेन देन होगा
रूठने मनाने और मिलने मिलाने का खेल होगा
ट्रंक में सबसे नीचे, पीछे खत संभाले जाएंगे।
सबसे छुपा के रातों में धीरे से निकाले जाएंगे
हर खत की एक एक इबारत को सौ बार पढ़ा जाएगा
बहुत सोच समझ कर हर बात का जवाब गढ़ा जायेगा
और फिर एक बार नए सिरे से उसके जवाब का इंतजार किया जाएगा।
बरसों बाद, एक दिन इस नायब खजाने को खोला जायेगा
एक एक लफ्ज़ कि लज्जत को फिर से बोला जाएगा
गुजरे जमाने फिर एक बार याद आयेंगे
हम फिर से महबूब की यादों में डूब जाएंगे।
आभार – नवीन पहल – २२.१२.२०२१ ❤️❤️❤️❤️
# प्रतियोगिता he
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
23-Dec-2021 12:21 PM
Nice
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नवीन पहल भटनागर
23-Dec-2021 02:12 PM
Thank you
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Shrishti pandey
23-Dec-2021 08:18 AM
Bahut sundar
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नवीन पहल भटनागर
23-Dec-2021 02:13 PM
Shukriya ji
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Abhinav ji
23-Dec-2021 12:03 AM
Nice
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नवीन पहल भटनागर
23-Dec-2021 02:13 PM
Thanks
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